Wednesday, April 30, 2025

अक्षय तृतीया 2025: महत्व, पूजा विधि और शुभकामनाएँ

 अक्षय तृतीया 2025: महत्व, पूजा विधि और शुभकामनाएँ



अक्षय तृतीया, जिसे आखातीज भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन सतयुग और त्रेतायुग के प्रारंभ की स्मृति में भी विशेष महत्व रखता है। अक्षय का अर्थ होता है “जिसका क्षय न हो”, अर्थात् इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अनंत फलदायी होता है।


✨ 2025 में अक्षय तृतीया कब है?

तिथि: शुक्रवार, 2 मई 2025


पर्व प्रारंभ: 2 मई को प्रातः 5:56 बजे


पर्व समापन: 3 मई को प्रातः 7:20 बजे तक


पूजा का श्रेष्ठ समय: 2 मई को प्रातः 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक



🙏 अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व

भगवान विष्णु और लक्ष्मी पूजा का दिन – इस दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा कर धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति की जाती है।


परशुराम जयंती – भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्म भी इसी दिन हुआ था।


गंगा अवतरण – इस दिन माँ गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं।


महाभारत से जुड़ाव – इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया था।


त्रेता युग का प्रारंभ – पुराणों के अनुसार त्रेतायुग की शुरुआत इसी दिन से मानी जाती है।



🕉️ पूजा विधि (Akhshaya Tritiya Puja Vidhi)

सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।


घर के पूजन स्थल की सफाई करें और वहां लक्ष्मी-नारायण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।


घी का दीपक जलाएं और गंगाजल से मूर्ति का अभिषेक करें।


पीले फूल, चावल, हल्दी, कुंकुम और तुलसी पत्र अर्पित करें।


खीर, फल, मिश्री व पंचामृत का भोग लगाएँ।


“ॐ श्री लक्ष्म्यै नमः” और “ॐ विष्णवे नमः” मंत्रों का जाप करें।


कथा वाचन करें और आरती के साथ पूजा संपन्न करें।


💰 क्यों खरीदते हैं सोना अक्षय तृतीया पर?

अक्षय तृतीया को स्वर्ण खरीदारी का सबसे शुभ दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदा गया सोना कभी भी नष्ट नहीं होता और घर में लक्ष्मी का वास करता है। इसके अलावा इस दिन:


नया व्यवसाय शुरू करना


गृह प्रवेश करना


विवाह संस्कार


भूमि पूजन


जैसे कार्य अबूझ मुहूर्त माने जाते हैं, अर्थात इन्हें किसी विशेष ज्योतिषीय समय के बिना भी किया जा सकता है।


🌸 अक्षय तृतीया पर भेजें ये सुंदर शुभकामनाएं

💬 शुभकामना संदेश 1:

"अक्षय तृतीया का ये पावन पर्व आपके जीवन में अक्षय सुख, समृद्धि और सफलता लेकर आए।"


💬 शुभकामना संदेश 2:

"माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा से आपका जीवन सदा खुशहाल और धन-धान्य से भरपूर हो। शुभ अक्षय तृतीया!"


💬 शुभकामना संदेश 3:

"सोने-सी चमकती रहे आपकी जिंदगी, हर दिन हो शुभ और मंगलकारी। अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएँ।"


📌 निष्कर्ष

अक्षय तृतीया केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था, परंपरा और विश्वास का प्रतीक है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक उन्नति का अवसर देता है, बल्कि दान-पुण्य, भक्ति और शुभारंभ का भी सर्वोत्तम समय होता है। इस अवसर पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी की आराधना कर हम अपने जीवन को सुख, समृद्धि और शांति से भर सकते हैं।


आपको और आपके परिवार को अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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