नई शिक्षा नीति 2020: भारतीय शिक्षा प्रणाली की नई दिशा
परिचय
भारत में 34 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद, 29 जुलाई 2020 को केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy - NEP 2020) की घोषणा की। यह नीति केवल पाठ्यक्रमों या स्कूलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक, कौशल विकास से लेकर डिजिटल शिक्षा तक एक समग्र परिवर्तन की दृष्टि रखती है।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को अधिक समावेशी, लचीला, बहुभाषी, और रोजगारोन्मुख बनाना है, ताकि 21वीं सदी के छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
मुख्य विशेषताएं – स्कूल शिक्षा
✅ नया ढांचा: 5+3+3+4
NEP 2020 में पारंपरिक 10+2 प्रणाली को हटाकर नया 5+3+3+4 ढांचा लागू किया गया है:
Foundational Stage (5 साल): 3-6 वर्ष (आंगनवाड़ी + कक्षा 1-2)
Preparatory Stage (3 साल): कक्षा 3-5
Middle Stage (3 साल): कक्षा 6-8
Secondary Stage (4 साल): कक्षा 9-12
यह परिवर्तन बच्चों की समझ और सीखने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
✅ मातृभाषा में शिक्षा
कक्षा 5 तक (या संभव हो तो कक्षा 8 तक) मातृभाषा / क्षेत्रीय भाषा / स्थानीय भाषा में शिक्षा देने की सिफारिश की गई है। इससे बच्चों को मूल विषयों की बेहतर समझ हो सकेगी।
✅ कोडिंग और व्यावसायिक शिक्षा
कक्षा 6 से कोडिंग (Coding) की पढ़ाई शुरू होगी।
छात्रों को इंटर्नशिप और व्यावसायिक प्रशिक्षण (Vocational Training) का अवसर मिलेगा।
✅ स्कूल मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाएं
बोर्ड परीक्षाओं में ज्ञान के रट्टा पद्धति की जगह समझ और विश्लेषण पर जोर होगा।
छात्रों की 360 डिग्री रिपोर्ट कार्ड बनेगी जिसमें शैक्षणिक, सह-शैक्षणिक, और सामाजिक गतिविधियाँ शामिल होंगी।
उच्च शिक्षा में परिवर्तन
✅ डिग्री कार्यक्रम में लचीलापन
अब छात्र किसी भी समय पाठ्यक्रम छोड़कर सर्टिफिकेट/डिप्लोमा प्राप्त कर सकते हैं:
1 साल: सर्टिफिकेट
2 साल: डिप्लोमा
3 साल: स्नातक
4 साल: रिसर्च के साथ स्नातक
✅ Multidisciplinary Education
अब छात्र विज्ञान के साथ आर्ट्स या कॉमर्स के साथ संगीत जैसी विविध विषयों को साथ पढ़ सकते हैं। यह रुचि-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देता है।
✅ अकादमिक क्रेडिट बैंक (Academic Bank of Credits)
छात्रों के पास क्रेडिट जमा करने की सुविधा होगी, जिससे वे पढ़ाई को बीच में रोककर भी बाद में फिर से शुरू कर सकते हैं।
✅ एक ही उच्च शिक्षा आयोग
अब अलग-अलग संस्थानों (UGC, AICTE, NCTE) की जगह एक एकीकृत निकाय Higher Education Commission of India (HECI) बनेगा।
शिक्षक प्रशिक्षण और गुणवत्ता
सभी शिक्षकों के लिए B.Ed. कोर्स 4 वर्ष का अनिवार्य कर दिया गया है।
शिक्षकों को समय-समय पर प्रशिक्षण मिलेगा ताकि वे तकनीकी और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनें।
शिक्षकों की भर्ती पारदर्शी और योग्यता आधारित होगी।
डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) की स्थापना।
ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के छात्रों के लिए ऑनलाइन संसाधन, टीवी चैनल (SWAYAM PRABHA), रेडियो, और डिजिटल कंटेंट की व्यवस्था।
समावेशी और समान शिक्षा
शिक्षा नीति में सभी वर्गों – जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति, दिव्यांग, और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग – को समान अवसर देने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
बालिका शिक्षा को विशेष महत्व दिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लाभ
छात्र-केंद्रित शिक्षा प्रणाली
रचनात्मकता और कौशल विकास पर बल
रटने की प्रवृत्ति में कमी
ड्रॉपआउट्स में कमी और फ्लेक्सिबिलिटी
ग्लोबल मानकों के अनुसार शिक्षा
निष्कर्ष
नई शिक्षा नीति 2020 केवल एक शिक्षा नीति नहीं, बल्कि यह भारत के भविष्य को आकार देने वाला एक विजन डॉक्युमेंट है। इसका उद्देश्य है एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना, जो ज्ञान, मूल्य, रोजगार, और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे।
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